An Unbiased View of shiv chalisa lyrics in gujarati
अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन छार लगाये ॥आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। �
अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन छार लगाये ॥आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। �