AN UNBIASED VIEW OF SHIV CHALISA LYRICS IN GUJARATI

An Unbiased View of shiv chalisa lyrics in gujarati

An Unbiased View of shiv chalisa lyrics in gujarati

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अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन छार लगाये ॥

आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।

मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥

तदा एव काश्चन परीक्षाः समाप्ताः भवन्ति।

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, get more info प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते हैं।

अर्थ- अपनी पूजा को पूरा करने के लिए राजीवनयन भगवान राम ने, कमल की जगह अपनी आंख से पूजा संपन्न करने की ठानी, तब आप प्रसन्न हुए और उन्हें इच्छित वर प्रदान किया।

द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र

सोमवार के दिन आप सब से जल्दी उठ जाए और उसके बाद स्नान करें फिर पूजा घर में शिव जी माता पार्वती और नंदी को स्थापित करें तथा उन पर गंगा जल चढ़ाएं उसके उपरांत भगवान शिव की प्रतिमा पर तिलक लगाएं और पूजा आरंभ करें ध्यान रखें जी आप सबसे पहले गणेश भगवान की आरती करें और उसके बाद ही आप शिवजी की चालीसा करें शिवजी पर बेलपत्र अवश्य चढ़ाएं.

शिव चालीसा के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।

एक कमल प्रभु राखेउ जोई । कमल नयन पूजन चहं सोई ॥

धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥

भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै।।

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